तेरे से क्या छुपा है, मेरा सवाल क्या है,
ये दिल ही जानता है, इस दिल का हाल क्या है ।।
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मीठी से चोट खाकर, तुमसे नज़र लड़ाकर,
आबाद हो गया हूँ, हस्ती मेरी मिटाकर,
दिलदार यार प्यारे, मुझको मलाल क्या है ।।
से क्या छुपा है …..
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चौखट पे ये तुम्हारे, बैठा नज़र पसारे,
जीवन के दिन गुजारे, बन्दा तेरे सहारे,
चित्तवन से चित्त चुराया, तेरा कमाल क्या है ।।
तेरे से क्या छुपा है …..
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बेशक तेरी अदा का, दीवाना दिल मेरा है,
जाना हुआ पका पहचाना दिल मेरा है,
नैणा कृपाण तेरे, धीरज की ढाल क्या है ।।
तेरे से क्या छुपा है …..
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तेरी यादों के सहारे, कटते हैं दिन हमारे,
ज़िंदा हूँ श्यामसुन्दर, ये दिल तुम्हे पुकारे,
झूठा है तेरा वादा, वादे में माल क्या है ।।
तेरे से क्या छुपा है …..
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‘शिव’ श्यामबहादुर के, नैनों के नूर तुम हो,
सच मानलो कन्हैया, मेरे गुरूर तुम हो,
हर कोई कुछ भी कहले, तेरी सम्हाल क्या है ।॥।
तेरे से क्या छुपा है …..