दो पंख दिए होते तो, उड़ आता खाट्धाम
तेरी प्यारी सुरतिया ने, मुझे घायल कर दिया श्याम
तर्ज : तकदीर वाले हैं जो माँ की करे भक्ति
गर पंक्षी बनता तो, तेरे धाम में रहता
गर फूल बनता तो, श्रृंगार तेरा बनता
चरणों का पूजारी समझके, मुझे रखलो बाबा श्याम
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किस्मत का मारा हूँ, मेरी कोई नहीं सुनता
जब आखें रोती है, बस तु ही तु दिखता 9
न जाने क्या रिश्ता है, तुमसे मेरा बाबा श्याम
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“राजा’ कहे भक्तों , ये श्याम सब सुनता
जो इसकी करे पूजा, उस पर ये महर करता
बस एक नजर में दिवाना, सबको कर देता श्याम