दरबार में खाटू वाले के ,दुःख दर्द मिटाए जाते है,
गर्दिश के सताए लोग यहाँ, सिने से लगाए जाते है,
दरबार में खाटु वाले के दुःख दर्द मिटाए जाते है
तर्ज़ :- मेरा दिल अटका संवारिये पे,मुझको तो किसी की खबर नही
ये महफ़िल है मतवालों की, हर भक्त यहाँ मतवाला है,-2
भर भर के जाम इबादत के, यहाँ खूब पिलाए जाते है,
दरबार में खाटु वाले के………..
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जिन भक्तों पे ऐ जग वालों, है खास इनायत इस दर की-2
उनको ही बुलावा आता है, दरबार बुलाए जाते है,
दरबार में खाटु वाले के…….
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किस्मत के मारे कहाँ रहे ,जिनका ना ठोर ठिकाना है,-2
जो श्याम शरण में आते है ,पलकों पे बिठाए जाते है,
दरबार में खाटु वाले के…..
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मत घबराओ ऐ जग वालों, इस दर पे शीश झुकाने से,-2
जिनका भी झुका है शीश यहाँ ,मुकाम वो ऊँचा पाते है,
दरबार में खाटु वाले के…..
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