हर इक प्रेमी भाग रहा है
नाम के पीछे ।
बोलो कौन चलेगा मेरे
श्याम के पीछे ।।
कहां गये वो श्याम अखाड़े |
जहां बनते थे काम हमारे ।।
हर इक गायक भाग रहा है
दाम के पीछे ।
बोलो कौन चलेगा मेरे
श्याम के पीछे ।।
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भजन नहीं अब गीत सुनाना
नाचना गाना शोर मचाना ।
दौड़ रहा है बस झूठे
अवाम के पीछे ।।
बोलो कौन चलेगा मेरे
श्याम के पीछे ।।
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भूल गये सब तेरी कहानी
क्यूं कहते तुम्हे शीश का दानी ।
राज था कैसा उस पावन
बलिदान के पीछे ।।
बोलो कौन चलेगा मेरे
श्याम के पीछे ।।
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झूठे किस्से बातें झूठी
इसीलिए है किस्मत रूठी ।
अरे मत दौड़ो तुम इस
“रोमी” बेईमान के पीछे ।।
दौड़ना है तो दौड़ लो बाबा
श्याम के पीछे ।
बोलो कौन चलेगा मेरे
श्याम के पीछे ।।