चरणों में तेरे
मिला जो ठिकाना,
प्यासी को मानो कोई
सावन मिला है,
तर्ज – सागर किनारे
मैंने जो चाहा
जीवन में पाया
संग मेरे रहता
सँवारे का साया ,
शिकवा किसी से है न
कोई गिला है,
चरणों में तेरे
मिला जो ठिकाना,
___________
मंजिल का मेरे
पता कुछ नहीं था,
अन्धेरो में यु ही
भटका किया था,
तेरे प्यार का दिल में
दीपक जला है,
चरणों में तेरे
मिला जो ठिकाना,
___________
नींदो में अब तू
सपनो में तु है,
सांसो की लय में
धड़कन में तू है,
तेरी बंदगी का ऐसा
जादू चला है,
चरणों में तेरे
मिला जो ठिकाना,
___________
इतना किया है तो
इतना भी करदे,
सेवा का मुझको
मेरे श्याम वर दे,
मन का मोती “हर्ष”
तुम्ही से खिला है,
चरणों में तेरे
मिला जो ठिकाना,
Bhajan Request – Lata Kumari
(Patna)