ओ सावन आयो- sss
ओ मन में उठने लगी उमंग, काँवर लेके चलो मेरे संग
पिलो शिव भोले की भंग-SS ओ……..सावन आयो……
कैसे कहूँरी मोपे क्या-क्या गुजरी, कैसे कटे ग्यारह महिने
जागती आँखों से बाँट निहारूँ, आते है तेरे सपने
झमाझमा आईये बरसात, होगी तुमसे मुलाकात -२
एक बार दानी तूं अंखिया तो खोल….सावन आयो… (१)
बाँध के प्रीत की डोरी में रखना, हम तो हम मस्त दिवाने
पैदल चलकर आते है बाबा, आपको काँवर चढ़ाने
मस्ती में काँवरिया झूमे, बाबा द्वार को तेरे चूमें -२
भर-भर लोटा चढ़ाते है भंग…ओsss सावन आयो…(२)
काँवर लेके चलते-चलते, मेरी कमर दुःख जाती
जिसपर थारी कृपा बरसती, उसकी जय-जय हो जाती
हो जब-जब लेते तेरा नाम, पूरा होता सबका काम -२
“मुरलीधर’ को तू देना शरण-ss ओ सावन आयो….(३)
Singer – Murli Sharma